क्या आपसी टकराव से इंडिया गठबंधन इस बार भी सत्ता से दूर रह जाएगा?


।अशोक राय। 

नई दिल्ली। कांग्रेस और राजद के बीच बिहार चुनाव 2025 में सीट  बंटवारे को लेकर विवाद तेज हो गया है। कांग्रेस भागलपुर की कहलगांव और सुल्तानगंज दोनों सीटें अपने खाते में चाहती है, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल ने गठबंधन धर्म को दरकिनार करते हुए दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इससे  महागठबंधन के अंदरुनी तालमेल को झटका लगा ही है, बल्कि दोनों दलों के बीच एक दूसरे के प्रति अविश्वास गहरा हो गया है।

243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में छह नवंबर को 121 सीटों पर मतदान है। इन 121 सीटों पर महागठबंधन के सहयोगी दलों ने नामांकन दाख़िल कर दिया है। कुछ सीटों पर इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल आपस में ही टकरा रहे हैं। सोमवार तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं। इस गठबंधन के कुछ  नेताओं ने ऐसा संकेत दिया है कि उससे पहले करीब चार-पांच सीटों पर आपसी सहमति बन जाएगी।

कांग्रेस का मानना है कि हाल ही में राहुल गांधी की बिहार यात्रा से पार्टी को अपार लोकप्रियता मिली है जो पार्टी को जीत दिला सकती है।  सुल्तानंगज से कांग्रेस से टिकट की मांग रहे आनंद माधव ने कहा, हम लंबे समय से सुल्तानगंज में पार्टी को मजबूत कर रहे थे। जब टिकट देने का समय आया तो किसी अन्य को टिकट दे दिया गया है। 

इसी तरह मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी ने एक्स के ज़रिए 15 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। शुरुआत में यह यह 60 सीटें मांग रहे थे। इससे पहले यह उपमुख्यमंत्री पद से कम पर मान ही नहीं रहे थे। आखिरी वक्त तक यह लग रहा था कि वह गठबंधन से अलग हो जाएंगे।

फिलहाल बिहार में इंडिया गठबंधन का ताना-बाना फिर उलझ गया है।  इसमें शामिल सभी दलों के बीच की खींचतान आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की रणनीति और गठबंधन की एकता पर बड़ा असर डाल सकती है। और ऐसा फिर हो सकता है कि कुछ सीटों से इंडिया गठबंधन फिर सत्ता से दूर रह जाए।

 

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